सोचिए अगर आपके स्मार्टफोन या फिर इलेक्ट्रिक कार की बैटरी मात्र 10 मिनट में पूरी तरह चार्ज हो जाए? शोधकर्ताओं ने लीथियम-आयन बैटरी एनोड की एक नई संरचना की खोज की है, जो मौजूदा मापदंड से कहीं ज्यादा बेहतर नतीजें देगी।
एक थ्री डायमेंशनल सिलिकॉन से सुसज्जित, कोण के आकार की कार्बन मोनोट्यूब की गुच्छे जैसी संरचना लीथियम आयन बैटरी के लिए एनोड के जरिए
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, रीवरसाइड के बॉर्न्स कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के अध्ययन प्रमुख वाई वाउंग ने कहा, "नई संरचना पर आधारित लीथियम आयन बैटरी में हाई रिवर्सेबल क्षमता और उत्कृष्ट आवर्तन स्थिरता है।"
एक थ्री डायमेंशनल सिलिकॉन से सुसज्जित, कोण के आकार की कार्बन मोनोट्यूब की गुच्छे जैसी संरचना लीथियम आयन बैटरी के लिए एनोड के जरिए
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, रीवरसाइड के बॉर्न्स कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के अध्ययन प्रमुख वाई वाउंग ने कहा, "नई संरचना पर आधारित लीथियम आयन बैटरी में हाई रिवर्सेबल क्षमता और उत्कृष्ट आवर्तन स्थिरता है।"
कैसे है संभव
हाई चार्ज और डिस्चार्ज दर पर भी यह संरचना उत्कृष्ट विद्युत रासायनिक स्थिरता दर्शाती है, जो पारंपरिक रूप से प्रयोग में आनेवाले ग्रेफाइट पर आधारित एनोड से लगभग 16 गुणा ज्यादा है। सामान्य से अधिक चार्ज और डिस्चार्ज की दर दो कारणों से हैं।
पहला कारण है कि ग्रैफीन से ढंकी तांबे की एक परत और कार्बन नैनोट्यूब के बीच का निर्बाध जोड़ सक्रिय मटीरियल विद्युत संग्रहण की क्षमता को बढ़ाता है, जिसके कारण इलेक्ट्रोड तंत्र में चार्ज और उष्मा का संचालन होता है।
दूसरा कारण, कोण आकार की संरचना होने के कारण इसमें छोटे-छोटे अंतर्वेधीय चैनल होते हैं, जिससे इलेक्ट्रोड में इलेक्ट्रोलाइट के संचालन को तेज करने में सहायता मिलती है।
सिलिकॉन वैसा एनोड मटीरियल है, जिसकी कुल चार्ज क्षमता ग्रेफाइट आधारित लीथियम आयन बैटरी एनोड से 10 गुणा ज्यादा है। इसलिए इसके एनोड के इस्तेमाल पर ध्यान दिया जा रहा है।
पहला कारण है कि ग्रैफीन से ढंकी तांबे की एक परत और कार्बन नैनोट्यूब के बीच का निर्बाध जोड़ सक्रिय मटीरियल विद्युत संग्रहण की क्षमता को बढ़ाता है, जिसके कारण इलेक्ट्रोड तंत्र में चार्ज और उष्मा का संचालन होता है।
दूसरा कारण, कोण आकार की संरचना होने के कारण इसमें छोटे-छोटे अंतर्वेधीय चैनल होते हैं, जिससे इलेक्ट्रोड में इलेक्ट्रोलाइट के संचालन को तेज करने में सहायता मिलती है।
सिलिकॉन वैसा एनोड मटीरियल है, जिसकी कुल चार्ज क्षमता ग्रेफाइट आधारित लीथियम आयन बैटरी एनोड से 10 गुणा ज्यादा है। इसलिए इसके एनोड के इस्तेमाल पर ध्यान दिया जा रहा है।
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